हिंदी में पीछे हैं तमिल फिल्में, क्या बॉबी देओल दिलाएंगे कंगुवा को सक्सेस?

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साउथ सुपरस्टार सूर्या एक लंबे समय बाद हिंदी ऑडियंस के सामने टेस्ट के लिए बड़े पर्दे पर हाजिर हो रहे हैं. उनकी फिल्म 'कंगुवा' 14 नवंबर को थिएटर्स में रिलीज हो रहे हैं. 2010 में उनकी हिंदी डेब्यू फिल्म 'रक्त चरित्र 2' बड़ी स्क्रीन पर रिलीज हुई थी. मगर उसके बाद वो मुम्बईया हिंदी फिल्मों से दूर ही रहे.

अब वो तमिल इंडस्ट्री में ही बननी अपनी पैन इंडिया फिल्म 'कंगुवा' हिंदी में भी लेकर आ रहे हैं. तमिल इंडस्ट्री से रजनीकांत, कमल हासन, धनुष, विजय जोसेफ, अजित कुमार और आर माधवन जैसे स्टार्स हिंदी ऑडियंस का दिल जीतते रहे हैं. लेकिन जबसे साउथ में बनी फिल्मों ने पैन इंडिया रिलीज के जरिए हिंदी ऑडियंस में पैठ बनाने की कोशिशें शुरू की हैं, तबसे तमिल फिल्में इस रेस में कहीं पीछे छूटती जा रही हैं. ऐसे में 'कंगुवा' पर सभी की नजरें लगी हुई हैं क्योंकि सूर्या के अपने हिंदी कनेक्शन तो हैं ही, साथ ही उनकी फिल्म में एक और ऐसा औजार है जो हिंदी में फिल्म का भौकाल बना सकता है- बॉबी देओल.

बॉबी पर है तगड़ी जिम्मेदारी
अपने दौर के बड़े स्टार रहे बॉबी देओल का इंडस्ट्री में धुंधला जाना और फिर धुआंधार तरीके से वापसी करना एक बेहद जानदार कमबैक स्टोरी रही है. सलमान खान के साथ फिल्म 'रेस 3' में जब बॉबी ने बड़े पर्दे पर कमबैक किया तो उन्हें देखने वाले दांग रह गए. 'रेस 3' को तो उतनी पॉपुलैरिटी नहीं मिली, लेकिन बॉबी का नाम हर तरफ छा गया.

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'आश्रम' वेब सीरीज और 'क्लास ऑफ 83', 'लव हॉस्टल' जैसे ओटीटी प्रोजेक्ट्स ने दर्शकों को फिर से दिखाया कि बॉबी अब भी वो पुराना जलवा भरपूर कायम है. उन्हें बस एक दमदार रोल की जरुरत थी, जो पर्दे पर उनके कद को जस्टिफाई कर सके. डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा ने बॉबी को अपनी ब्लॉकबस्टर 'एनिमल' में वो रोल दिया और जैसा कि अंग्रेजी का एक मशहूर मुहावरा कहता है- 'बाकी तो इतिहास में दर्ज है.'

'एनिमल' की कामयाबी ने पॉप कल्चर में बॉबी देओल को तगड़ी उड़ान देने वाले 'लॉर्ड बॉबी' फिनोमिना को पीक पर पहुंचा दिया. इस वक्त बॉबी सिर्फ फिल्ममेकर्स ही नहीं, फिल्म फैन्स के भी तगड़े फेवरेट हैं. ऐसे में 'कंगुवा' जैसी ग्रैंड स्केल वाली साउथ फिल्म, विलेन के रोल और भयानक गेटअप के साथ फाइट सीन्स में वो बहुत तगड़ा कमाल कर सकते हैं. इंतजार केवल फिल्म के शुरुआती रिव्यूज का है.

हिंदी ऑडियंस को लुभाने में पिछड़ रहीं तमिल फिल्में
रजनीकांत की 2010 में आई सुपरहिट फिल्म 'रोबोट' (ऑरिजिनल- एंथिरन) ने हिंदी में भी जमकर कमाई की थी. हिंदी ऑडियंस के बीच आज भी इस फिल्म की कल्ट फॉलोइंग है. मगर 'बाहुबली' के बाद वाले दौर में तेलुगू फिल्मों ने ही हिंदी में जमकर दबदबा बनाया. बीच में कन्नड़ इंडस्ट्री से 'KGF' और 'कांतारा' जैसी फिल्मों ने भी बड़ा कमाल किया. और मलयालम फिल्में ओटीटी पर हिंदी ऑडियंस के बीच एक अलग ही पॉपुलैरिटी कमा चुकी हैं.

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मगर तमिल पैन इंडिया फिल्में इनसे पीछे ही रहीं. आज हिंदी में सबसे कमाऊ साउथ फिल्मों की टॉप 10 लिस्ट में सिर्फ एक ही तमिल फिल्म है, रजनीकांत की '2.0'. देखें लिस्ट:

1. बाहुबली 2- 511 करोड़
2. KGF चैप्टर 2- 435 करोड़
3. कल्कि 2898 AD- 293 करोड़
4. RRR- 273 करोड़
5. 2.0- 190 करोड़
6. सालार- 152 करोड़
7. आदिपुरुष- 148 करोड़
8. साहो- 145 करोड़
9. बाहुबली- 118 करोड़
10. पुष्पा- 106 करोड़

पिछले कुछ समय से तमिल इंडस्ट्री के सुपरस्टार रजनीकांत की 'जेलर' और 'वेट्टैयां', पैन इंडिया झंडे के नीचे हिंदी में हाथ आजमा चुकी हैं. कमाल हासन की 'विक्रम' और 'इंडियन 2'; थलपति विजय की 'बीस्ट', 'लियो' और 'GOAT' और धनुष की 'कैप्टन मिलर' ने भी हिंदी ऑडियंस के सामने टेस्ट दिया है. जबकि मणिरत्नम का ड्रीम प्रोजेक्ट, विक्रम और ऐश्वर्या राय स्टारर 'पोन्नियिन सेल्वन' (दोनों पार्ट) भी हिंदी ऑडियंस को अपील कर चुके हैं.

मगर इन सभी फिल्मों में से कोई भी हिंदी में 30 करोड़ का भी कलेक्शन नहीं कर सकी. 'लियो' ने हिंदी में सबसे ज्यादा 27 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था. हालांकि, इनमें से कई फिल्मों ने अपने स्क्रीन काउंट और मार्केटिंग के हिसाब से अच्छी कमाई की. मगर ये तमिल फिल्में साउथ की बाकी इंडस्ट्रीज की तरह हिंदी में कामयाबी नहीं जुटा सकीं.

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सूर्या का हिंदी कनेक्शन भी है मजबूत
'कंगुवा' के स्टार सूर्या का नाम हिंदी ऑडियंस के लिए नया नहीं है. उनकी पहली हिंदी फिल्म 'रक्त चरित्र 2' की अपनी एक कल्ट फॉलोइंग है. उनकी तमिल फिल्मों के रीमेक ही हिंदी में 'सिंघम', 'फोर्स' और 'गजनी' जैसी कामयाब फिल्मों में बदले गए हैं. लॉकडाउन के दौर में हिंदी ऑडियंस ने उनकी डायरेक्ट ओटीटी रिलीज फिल्में 'सोरारई पोटरू' और 'जय भीम' ना सिर्फ देखीं, बल्कि सोशल मीडिया पर इनकी खूब चर्चा भी की.

ऐसे में बड़े स्क्रीन काउंट और मार्केटिंग के साथ सूर्या के साथ बॉबी का कॉम्बो सरप्राइज कर सकता है. और तमिल सिनेमा को फाइनली हिंदी में एक बड़ी हिट मिल सकती है. इंतजार सिर्फ फिल्म के रिव्यूज और जनता के वर्ड ऑफ माउथ का है जिसका राज 14 नवंबर को थिएटर्स में ही खुलेगा.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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